(सूचना लेना हमारा मौलिक अधिकार, सूचना देने के लिए आप जिम्मेदार)
नेशनल आर0टी0आई0 एक्टिविस्ट क्लब आॅफ इण्डिया

आइये जानते हैं सूचना के अधिकार कोः-
सूचना अधिकार अधिनियम-2005 (R.T.I. – Right to Information) लोक सभा द्वारा 11 मई 2005 को एवं राज्य सरकार द्वारा 12 मई 2005 को विधेयक पारित किया, 15 जून 2005 को भारत के राष्ट्रपति की अनुमति प्राप्त हुई एवं भारत के राजपत्र (असाधारण) भाग-11 खण्ड़ – 1 दिनांक 21 जून 2005 को प्रकाशित हुआ तथा 12 अक्टूबर 2005 को देश के नागरिकों को सरकारी संस्थाओं से सूचना उपलब्ध कराने का यह कानून प्राप्त हुआ। जनहित में आम लोगों को उनके हितों से जुडे मसलों की जानकारी दिलाने वाला सूचना का अधिकार कानून देश के इतिहास में अब तक के सबसे कारगर और प्रभावी कानूनों में से एक है। सूचना का अधिकार कानून के इस्तेमाल से सरकारी विभागों से जनहित में विभिन्न जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं। देश में कई छोटे बडे घोटालों को सार्वजनिक करने में इसी कानून की भूमिका रही है।

 

सूचना अधिकार अधिनियम-2005  के प्रति क्लब के उददेश्यः-

  1. जनहित में आम लोगों को सार्वजनिक रूप से सूचना का अधिकार कानून के प्रति जानकारी प्रदान कर प्रोत्साहित करना।
  2. जनहित में आम लोगों तक सार्वजनिक रूप से सूचना का अधिकार कानून को पहुचाने एवं सूचना का अधिकार कानून के मूल स्वरूप को बरकरार बनाये रखने के लिए निरन्तर प्रयत्नशील रहना।
  3. जनहित में आम लोगों तक सार्वजनिक रूप से सूचना का अधिकार कानून के उपयोग से न्याय दिलवाने में निरन्तर प्रयत्नशील रहना।
  4. जन जन को इस महा अभियान में जोडना तथा सूचना का अधिकार कानून के उपयोग की मूल जानकारी से परिचित कराने हेतु निरन्तर प्रयत्नशील रहना।
  5. सूचना का अधिकार कानून के प्रचार व प्रसार हेतु निरन्तर प्रयत्नशील रहना।
  6. जनहित में आर0टी0आई0 एक्टिविस्टों को सुरक्षा उपलब्ध कराने हेतु प्रयत्नशील रहना आदि।

सदस्यताः-

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